Friday, February 22, 2008

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती
लहरों से डर कर नौका पार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.

नन्हीं चींटी जब दाना लेकर चलती है,
चढ़ती दीवारों पर, सौ बार फिसलती है.
मन का विश्वास रगों में साहस भरता है,
चढ़कर गिरना, गिरकर चढ़ना न अखरता है.
आख़िर उसकी मेहनत बेकार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.

डुबकियां सिंधु में गोताखोर लगाता है,
जा जा कर खाली हाथ लौटकर आता है.
मिलते नहीं सहज ही मोती गहरे पानी में,
बढ़ता दुगना उत्साह इसी हैरानी में.
मुट्ठी उसकी खाली हर बार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती.

असफलता एक चुनौती है, इसे स्वीकार करो,
क्या कमी रह गई, देखो और सुधार करो.
जब तक न सफल हो, नींद चैन को त्यागो तुम,
संघर्श का मैदान छोड़ कर मत भागो तुम.
कुछ किये बिना ही जय जय कार नहीं होती,
कोशिश करने वालों की कभी हार नहीं होती

8 comments:

Unknown said...

bahut khoob
badhaai !

Ashok Pandey said...

सत्‍य वचन। आपका स्‍वागत है।

राजेंद्र माहेश्वरी said...

सफलता का कोई एक पल नहीं, विफलता की गोद में ही गीत है। हार कर भी जो नही हारा कभी, सफलता उसके हृदय का गीत है।

गोविंद गोयल, श्रीगंगानगर said...

narayan narayan, pahale bhee kahin padha hai.

मीडिया दूत said...

बहुत सुंदर रचना है आपकी...बिलकुल सही है कि घबराने से कुछ नहीं होता है

GANGA DHAR SHARMA said...

राहत इन्दौरी साहब से माफ़ी चाहते हुए कहना पड़ेगा :
परायों ने मेरे काम में बड़ी इमदाद की .
दाद लोगों की,ब्लॉग अपना, ग़ज़ल उस्ताद की .

संगीता पुरी said...

बहुत सुंदर…..आपके इस सुंदर से चिटठे के साथ आपका ब्‍लाग जगत में स्‍वागत है…..आशा है , आप अपनी प्रतिभा से हिन्‍दी चिटठा जगत को समृद्ध करने और हिन्‍दी पाठको को ज्ञान बांटने के साथ साथ खुद भी सफलता प्राप्‍त करेंगे …..हमारी शुभकामनाएं आपके साथ हैं।

उम्मीद said...

आप की रचना प्रशंसा के योग्य है . आशा है आप अपने विचारो से हिंदी जगत को बहुत आगे ले जायंगे
लिखते रहिये
चिटठा जगत मे आप का स्वागत है
गार्गी