Wednesday, June 17, 2009

devdas

चलो फिर ढूंढ़ लायें हम उसी मासूम बचपन को, जहा सपना सजाया था, जहाँ बचपन बिताया था, जहाँ पेडो के सहारे घरोंदा एक बनाया था.

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